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Blood Circulation ( परिसंचरण तंत्र )।।

परिसंचरण तंत्र संबंधित प्रश्नोत्तरी ।। 1. कौन सा ‘जीवन नदी’ के रूप में जाना जाता है? उत्तर: रक्त 2. रक्त परिसंचरण की खोज की गई? ...

मेरे जैसी ।।



एक सप्ताह बाद ईद आने वाली थी। आज इतवार का दिन था इसलिए अम्मी अब्बू घर की साफ-सफाई में लगे हुए थे। बाकी दिन तो अम्मी अब्बू को दफ़्तर से फुर्सत ही नहीं मिलती थी । साफ़-सफाई में थोड़ी-बहुत मदद ज़ोया भी कर रही थी या यूँ कहें कि काम को और आगे बढ़ा रही थी। किताबों की अलमारी साफ़ करते वक़्त अब्बू ने सभी किताबें मेज़ पर रखीं। वह एक-एक किताब को साफ़ करके अलमारी में रखने लगे। ज़ोया जोकि बहुत देर से किताबों को उलट-पलट रही थी उसने अब्बू से पूछा, "अब्बू पढ़-लिखकर क्या होता है?"

"बेटा पढ़-लिखकर कलेक्टर, डॉक्टर, टीचर और भी बहुत कुछ बन सकते हैं। तुम क्या बनोगी?" अब्बू ने एक और किताब अलमारी में रखते हुए कहा । "डॉक्टर बनेगी", चारपाई पर लेटे-लेटे दादा जी ने कहा। "नहीं- नहीं टीचर बनेगी हमारी जोया ताकि अपने घर को भी वक़्त दे पाए", कुर्सी पर बैठी दादी ने कहा । "पर अब्बू मैं तो..." जोया अपनी बात पूरी कर पाती, उससे पहले ही अब्बू ने कहा, "तुम तो पढ़-लिखकर इंजीनियर बनना और मेरा अधूरा ख़्वाब पूरा करना।" "पर अब्बू मैं तो..." मैं तो क्या मेरी बच्ची तुम तो सबसे पहले अच्छा इंसान बनना।" अम्मी ने उसकी बात काटते हुए कहा । "हम्म... पर मैं क्या बनना चाहती हूँ, मुझसे भी तो कोई पूछ लीजिए," ज़ोया ने झल्लाते हुए कहा । "हाँ, बताओ तो तुम क्या बनना चाहती हो?" सभी ने एक आवाज़ में पूछा। "मैं तो, मेरे जैसी ही बनना चाहती हूँ।" जोया की यह बात सुनकर सभी एक-दूसरे की तरफ़ हैरानी से देखने लगे ।

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