प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को ''स्टेचू ऑफ़ यूनिटी'' समर्पित की
सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया।
बता दें, सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री थे।
सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया।
बता दें, सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री थे।
क्यों खास है यह प्रतिमा
सरदार पटेल की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है।
इस प्रतिमा की उंचाई 182 मीटर है और इस मूर्ती को यानी 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को सरदार सरोवर डैम पर बनाया गया है।
इस प्रतिमा की उंचाई 182 मीटर है और इस मूर्ती को यानी 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को सरदार सरोवर डैम पर बनाया गया है।
31 अक्टूबर को मनाया गया 'राष्ट्रीय एकता दिवस'
31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाई जाती है।
विभिन्न मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों और संगठनों द्वारा इस अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को हुआ और उनका देहांत 15 दिसंबर, 1950 को हुआ
वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे देश के प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने।
वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे देश के प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने।
ऐसे प्राप्त हुई सरदार की उपाधि
बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की।
आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।
आईएनएस तरंगिनी दुनियाभर में यात्रा करने के बाद लौट आई
भारतीय नौसेना का प्रशिक्षण पोत ‘INS तरंगिनी’ सात महीने की लंबी जलयात्रा के बाद 30 अक्टूबर को दक्षिणी नौसेना कमान के आधार शिविर लौट आई।
इस दौरान उसने दुनियाभर के 13 देशों के 15 बंदरगाहों का सफर किया।
दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टॉफ रियर एडमिरल 'आर जे नाडकरर्णी' ने एक भव्य समारोह में पोत का स्वागत किया।
आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।
आईएनएस तरंगिनी दुनियाभर में यात्रा करने के बाद लौट आई
भारतीय नौसेना का प्रशिक्षण पोत ‘INS तरंगिनी’ सात महीने की लंबी जलयात्रा के बाद 30 अक्टूबर को दक्षिणी नौसेना कमान के आधार शिविर लौट आई।
इस दौरान उसने दुनियाभर के 13 देशों के 15 बंदरगाहों का सफर किया।
दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टॉफ रियर एडमिरल 'आर जे नाडकरर्णी' ने एक भव्य समारोह में पोत का स्वागत किया।
0 comments:
Post a Comment
Thank You For messaging Us we will get you back Shortly!!!