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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

"कामयाबी"

कामयाबी के रास्ते टेढ़े मेढे और ढ़लान वाले होते हैं। कामयाबी ख़ैरात में भी नहीं मिलती है। कामयाबी के खाबड़-ख़ूबड़ रास्ते तक पूरा काफिला नहीं पहुँच पाता है। यहाँ इक्के-दुक्के वे लोग पहुँच पाते है जिनके पास औरों के लिए उलाहने है ही नहीं। उनकी सारी शिकायतें खुद के प्रति ही हैं। जो अपने अनुशासन के उसूलों से लेश मात्र भी भटकते नहीं हैं।

इस रास्ते पर चलने वाले पथवीर खुद की विजय के प्रति इतने आश्वस्त होते है कि वे धजीली विजय पताका को उच्च चोटी पर फहराने के लिए सफर में साथ लेकर जाते हैं। उनकी आँखों में भविष्य की आशा की एक किरण चमचमाती रहती है। वे अपने क्रोध का सदुपयोग करते हैं। छोटी छोटी उलझनों से वे हँसते खेलते पार पा लेते हैं। पल भर के लिए तन्द्रा उन पर हावी होती है तो उन्हें लगता है कि वे खुद से बिछड़ रहे हैं। मस्ताने चाँद से दिखने वाले कामयाब लोगों को मुसीबत के बादल बहुत देर तक नहीं ढक सकते हैं क्योंकि आप एक ऊँचाई पर पहुँच कर छुटकर समस्याओं को मुस्कुराकर नज़रंदाज़ कर कर सकते हैं। लोग आपके धैर्य की परीक्षा लेंगे। आप को एक कदम पीछे खींचेंगे। आपको कामयाबी की कोई और परिभाषा समझाएंगे। मगर आपने ठान रखा है कि गली के नुक्कड़ पर बैठे निठल्ले चार लोगों की राय आप के प्रति तभी बदलेगी जब आप की अपनी राय स्वयं के लिए कुछ सिद्धान्तों पर स्थिर हो चुकी होगी।

ये रास्ते कठिन अवश्य है लेकिन बाकी के सरल रास्तों पर चल कर फूटी कौड़ियों को हासिल कर करना भी क्या है। मेहनत के पके फलों को पेड़ पर चढ़ कर खाने और जमीन पर धूल झाड़ कर खाने में फर्क है।

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