भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ने अपने परिचालन का एक साल पूरा कर लिया है. वंदे भारत की पहली यात्रा 17 फरवरी 2019 को शुरू हुई थी. इसके परिचालन का एक साल पूरा होने पर 17 फरवरी 2020 को रेलवे के अधिकारियों ने इस ट्रेन में सवार यात्रियों का स्वागत किया और सुविधाओं पर उनसे सुझाव भी लिए.
वंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन का एक साल पूरा होने पर उत्तर रेलवे ने बताया कि इस दौरान इस गाड़ी ने कुल 3.8 लाख किलोमीटर की दूरी तय की, कुल 92.29 करोड़ रुपये का लाभ कमाया. इस दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस की 100 फीसदी सीटें भरी रहीं.
रेल मंत्री ने किया ट्वीट
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वंदे भारत के एक साल पूरा करने पर कहा कि यात्रियों की सेवा में कार्यरत वंदेभारत एक्सप्रेस ने अपने एक वर्ष में देश में रेल यातायात की परिभाषा तथा उसके प्रति लोगों के विचार को बदला है.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन
प्रधानमंत्री ने 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन का शुभारंभ किया था. इसके बाद 17 फरवरी 2019 से इस ट्रेन की व्यावसायिक सेवा शुरू हुई थी. इस ट्रेन से नई दिल्ली से वाराणसी का सफर मात्र आठ घंटे में पूरा किया जा सकता है.
यह ट्रेन सोमवार और बृहस्पतिवार को छोड़कर सप्ताह में पांच दिन चलती है. दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी कटड़ा स्टेशन के बीच होता है. ट्रेन-18 (Train 18) नाम से भी मशहूर भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन को ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ कहा जाता है.
ट्रेन की खासियत
यह ट्रेन सभी आधुनिक तकनीकी खूबियों और आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है. यह भारत की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन है. इस रेलगाड़ी के रैक का निर्माण, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई द्वारा अक्टूबर 2018 में किया गया था. इस ट्रेन को बिजली से पावर मिलती है.
इस ट्रेन की पूरी बॉडी ख़ास एल्यूमिनियम की बनी है अर्थात यह ट्रेन वज़न में हल्की भी होगी. इस ट्रेन में यात्रियों के लिए दूसरे आम ट्रेनों के अपेक्षा ज्यादा सुविधायें मिलेंगी. वंदे भारत के दरवाजे मेट्रो ट्रेनों की तरह स्वचालित होंगे. अर्थात, प्लैटफॉर्म पर ही खुलेंगे और बंद हो जाएंगे.
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