1. कछुए पिछले 20 करोड़ सालों से धरती पर रह रहे है. वैज्ञानिकों को इनका जो आखिरी जीवाश्म मिला है वह 12 करोड़ साल पुराना है। ये साँप, छिपकली, मगरमच्छ और पक्षियों से पहले धरती पर आए थे।
2. हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस मनाया जाता है. एक tortoise, turtle होता है लेकिन turle, tortoise नही होता और अच्छे से समझाता हूँ, सभी रेंगने वाले और कवच वाले जीव, जो cheloni परिवार से संबंध रखते है उन्हें turtle कहते है और स्थलीय कछुआ को tortoise कहते हैं।
3. कछुओं की 318 से ज्यादा प्रजातियाँ इस धरती पर मौजूद है इनमें से कुछ थल पर और कुछ जल में रहती है, बहुत-सी प्रजातियाँ विलुप्ति की कगार पर है।
4. कछुए जहरीले नही होते और ना ही इनके काटने पर जहर निकलता है और ना ही इन्हें खाते समय।
5. कछुओ के लिंग का पता लगाना इतना आसान भी नही है, जितना आप सोचते है। इनकी छाती का कवच सबसे आसान तरीका है नर और मादा की पहचान करने के लिए, अक्सर नर कछुए मादा से थोड़े लंबे और इनकी पूँछ भी मादा से लंबी ही होती है ये यही से सेक्स भी करते है।
6. कछुए जितने गर्म मौसम में रहेंगे उनके कवच का रंग उतना ही हल्का होगा। जिन कछुओं के कवच का रंग गहरा होता है वो उतने ही ठंडे इलाके में रहते है।
7. प्राचीन रोमन मिलिट्री, कछुओं से बहुत प्रभावित हुई थी, कछुओं से ही उन्होनें लाइनें बनाना और ढाल को सिर के ऊपर रखना सीखा ताकि दुश्मन से सुरक्षित रहा जाए।
8. कछुआ के अंडे: कछुए अंडो के सहारे नए बच्चे पैदा करते है। मादा कछुए पहले मिट्टी खोदते है फिर वहाँ एक बार में 1 से 30 अंडे देते है, अंडो से बच्चे निकलने में 90 से 120 दिन लग जाते है।
9. कछुए अपने आकार की वजह से सेक्स के लायक होते है ना कि उम्र की वजह से। सेक्स करने के लिए इनका छाती का कवच बहुत भूमिका निभाता है जो कि मादा का बिल्कुल सीधा और नर का थोड़ा घुमावदार होता है।
10. कछुओं के मुंह में दाँत नही होते, बल्कि एक तीखी प्लेट की तरह हड्डी का पट्ट होता है जो भोजन चबाने में इनकी सहायता करता हैं।
11. कछुओ को अपने कवच में छुपने से पहले फेफड़ो को खाली करना पड़ता है, छिपने से पहले आप उन्हें साँस छोड़ते हुए सुन सकते है।
12. 1968 में सेवियत संघ का पहला यान चाँद का चक्कर लगाकर वापिस धरती पर लौटा था। इसमें कछुओं को भी बैठाया गया था वापिस आने पर पता चला कि कछुओं का वजन 10% कम हो गया है।
13. कछुए ठंडे खून वाले होते जीव है, ठंड में इनका शरीर जम जाता है और ये शीतनिंद्रा में चले जाते है।
14. कुछ खास तरह के कछुए अपने पिछवाड़े (butts) से भी सांस ले सकते हैं।
15. समुद्री कछुआ का कवच सेंसेटिव होता है वो यहाँ से हर रगड़ और खरोंच को महसूस कर सकते है।
16. कुछ कछुए 150 या उससे ज्यादा साल तक जीवित रह सकते है। एक ‘Harriet’ नाम का कछुआ, जिसकी देखभाल ‘Charles Darwin’ (इंसान को बंदर की औलाद बताने वाला) द्वारा 1835 में की गई थी उसकी मौत 2006 में australia के चिड़ियाघर में हुई। मरते समय इसकी उम्र 175 साल रही होगी।
17. कछुए बहुत धीमी गति से चलते है। ये धरती पर चौथे सबसे slow animal है लगभग सभी कछुए 270 मीटर प्रति घंटा (6.4km/day) की रफ्तार से चलते है। ‘गिनिज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्डस‘ के अनुसार, अब तक किसी कछुए की अधिकत्तम स्पीड 11 इंच प्रति सेकंड यानि 1 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है।
18. कछुए सिर्फ सेक्स करते समय ही फुफ-कार जैसी आवाज निकालते है वैसे आम तौर पर कोई आवाज नही निकालते। ‘जुरासिक पार्क’ फिल्म में जो डायनासोरों की आवाज है वो असल में कछुओं की सेक्स करते समय निकलने वाली आवाज है।
19. अभी धरती पर जो सबसे ज्यादा उम्र का जीवित प्राणी है वो एक ‘Jonathan’ नाम का कछुआ है। जब ये 50 साल का था तब ‘Saint Helena’ के गवर्नर को अफ्रीका के एक छोटे से टापू की तरफ से गिफ्ट में मिला था। आज यह 187 साल का है और स्वस्थ हालत में है, इसकी लंबाई 45 इंच और ऊंचाई 2फीट है। ये यहाँ इतना प्रसिद्ध है कि सेंट हेलिना के 5 सेंट के सिक्के के पिछले भाग पर इसकी तस्वीर है.
20. क्या कछुए को बिना मारे उसके कवच को उतारा जा सकता है ? क्या कछुए बिना कवच के जिंदा रह सकते है ?
कवच कोई वस्तु नही है जो वो अपने शरीर पर रखकर चलते है बल्कि ये इनके शरीर का एक हिस्सा है जो नसों से जुड़ा होता है। शरीर के साथ-साथ इनके कवच का भी विकास होता है. जिस तरह इंसान के शरीर से रीढ्ढ की हड्डी को अलग नही किया जा सकता उसी तरह बिना मारे कछुओं के कवच को भी अलग नही कर सकते। कृप्या कछुए को उसके कवच से अलग करने की कोशिश न करे, जानवरों के प्रति प्रेम दिखाए।
21. कछुए का कवच कितना मजबूत होता है ?
इनका कवच इतना मजबूत होता है कि ये गोली, कुते और मगरमच्छ तक का भी सामना कर सकता है। यह 60 तरह की हड्डियों से मिलकर बना होता है जो सभी आपस में जुड़ी रहती है। इनके कवच को तोड़ने के लिए इनके वेट से 200 गुना ज्यादा वजन और कई हजार का प्रेशर चाहिए। बाज नाम का पक्षी इनके कवच को तोड़ने के लिए एक तरकीब लगता है वह कछुए को अपने पंजो में लेकर बहुत ऊपर उड़ जाता है और फिर उसे वहाँ से पत्थरों या पहाड़ियों पर गिरा देता है जिससे उसका कवच टूट जाता है।
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