Muslim Women Rights Day
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री (Union Minister for Minority Affairs) ने कहा कि 1 अगस्त, 2019 को मुस्लिम महिलाओं को ‘तीन तलाक’ नामक सामाजिक बुराई से मुक्ति मिली थी इसलिये 1 अगस्त को भारत के 🌿इतिहास में ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ (Muslim Women Rights Day) के रूप में दर्ज किया गया है।
⭕प्रमुख बिंदु:
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने तीन तलाक नामक सामाजिक बुराई के खिलाफ कानून लाकर ‘लैंगिक समानता’ सुनिश्चित की है और मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक, मौलिक एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को मज़बूत किया है।
भारतीय संविधान में समानता के अधिकार को अनुच्छेद 14 से 18 में निम्नलिखित प्रकार से वर्णित किया गया है-
⭕अनुच्छेद-14: विधि के समक्ष समता
⭕अनुच्छेद-15: धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
अनुच्छेद-16: लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समता
अनुच्छेद-17: अस्पृश्यता (छुआछूत) का अंत
अनुच्छेद-18: उपाधियों का अंत
‘मिस्र’ पहला मुस्लिम राष्ट्र था जिसने वर्ष 1929 में तीन तलाक नामक सामाजिक बुराई को समाप्त किया था। जबकि पाकिस्तान ने वर्ष 1956 और बांग्लादेश ने वर्ष 1972 में इस सामाजिक बुराई को समाप्त कर दिया था।
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