केंद्र सरकार ने कोरोना संकट में बेरोजगार हुए औद्योगिक कामगारों के लिए बहुत अच्छी खबर दी है. यह प्रस्ताव 20 अगस्त 2020 को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की बैठक में रखा गया था.
केंद्र सरकार ने कोरोना संकट में बेरोजगार हुए औद्योगिक कामगारों को राहत दी है. ऐसे कर्मचारियों को उनके पिछले तीन महीने के वेतन के औसत से लगभग 50 प्रतिशत तक की रकम बेरोजगारी हितलाभ के रूप में दी जाएगी. इस फैसले का लाभ लगभग 40 लाख कामगारों को होने की उम्मीद है.
केंद्र सरकार ने कोरोना संकट में बेरोजगार हुए औद्योगिक कामगारों के लिए बहुत अच्छी खबर दी है. सरकार ने नियमों को लचीला बनाते हुए यह फैसला लिया है कि कोरोना संकट (कोविड-19) में नौकरी गंवा चुके औद्योगिक कामगारों को उनके तीन महीने के वेतन का 50 प्रतिशत तक बेरोजगारी हितलाभ के तौर पर दिया जाए.
किसे मिलेगा यह फायदा
यह फायदा केवल उन कामगारों को मिलेगा जिन्होंने 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच अपनी नौकरी गंवाई है या गंवाएंगे. जो वर्कर्स कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के तहत रजिस्टर्ड हैं, केवल उन्हें ही इस भत्ते का फायदा मिलेगा. इस योजना का फायदा केवल उन्हीं कामगारों को मिलेगा जो ईएसआई के साथ कम से कम पिछले दो सालों से जुड़े हुए हैं.
ESIC की बैठक में रखा गया प्रस्ताव
यह प्रस्ताव 20 अगस्त 2020 को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की बैठक में रखा गया था. कर्मचारी राज्य बीमा निगम श्रम मंत्रालय के तहत आने वाला एक संगठन है जो 21,000 रुपये तक के कर्मचारियों को ईएसआईसी स्कीम के तहत बीमा मुहैया करती है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम के बोर्ड की सदस्य अमरजीत कौर ने बताया कि इस कदम से ईएसआईसी के तहत बीमित योग्य व्यक्तियों को उनके तीन महीने तक उनके वेतन के 50 प्रतिशत तक रकम नकद सहायता के रूप में दी जाएगी.
फायदा कैसे मिलेगा
ईएसआईसी अपने डेटा के अनुसार बेरोजगार कामगारों को यह फायदा देगा, लेकिन इसके लिए कर्मचारी किसी ईएसआईसी शाखा में जाकर सीधे भी आवेदन कर सकते हैं और उचित जाँच (वेरिफिकेशन) के बाद उनके बैंक खाते में सीधे रकम पहुंच जाएगी. इसके लिए आधार नंबर की भी सहायता ली जाएगी.
1.9 करोड़ लोग नौकरियां गंवा दिए
गौरतलब है कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक कोरोना संकट की वजह से लगभग 1.9 करोड़ लोग नौकरियां गंवा चुके हैं. सिर्फ जुलाई महीने में ही 50 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं. हालांकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अनुसार, जून महीने में 4.98 लाख लोग औपचारिक कार्यबल से जुड़े हैं.
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