राजेश कटोच ने बताया कि देश में 110 स्थानों पर करीब 5 लाख लोगों पर अलग-अलग औषधियों का ट्रायल किया गया है। जिसमें गिलोय, अश्वगंधा, आयुष 64 और गुडूची को एसिम्प्टोमैटिक और हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिये रिकमेंड किया गया है। उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करने के बाद ही लोगों को बताय गया है। गुडूची पिपली को भी इसके लिये अच्छा माना गया है। इसमें हल्दी वाला दूध भी बताया गया है। ये सभी बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं और इसके प्रमाण भी है।
वहीं कौन कितनी मात्रा में लेना है इस पर कहा कि अगर कोई सामान्य लेना चाहता है तो गुडूची और अश्वगंधा की दोनों की अलग-अलग 500 मिलीग्राम की टेबलेट आती है या फिर उनके चूर्ण भी आते हैं 3 ग्राम सुबह-शाम ले सकते हैं। अगर किसी माइल्ड कोविड हो गया है तो इसकी टेबलेट सुबह-शाम ले सकते हैं। काढ़ा से लोगों को परेशानी पर उन्होंने कहा कि सुबह-शाम काढ़ा पीने से कोई परेशानी नहीं होती। यह महज अफवाह है कि इससे लिवर खराब होता है।
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