9 अक्टूबर - विश्‍व डाक दिवस, जानिए कुछ खास बातें।।

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एसएमएस आज के आधुनिक युग की जरूरत जरूर हैं, लेकिन लोगों को एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जोड़ने का काम चिठ्ठी ही करती है। चिठ्ठी कोई भी हो, जिसे मिलती है, उसे रुला देती है। गम का संदेश हो, तो ऑंखें नम हो जाती हैं या पढ़ते-पढ़ते लोग रोने लगते हैं, और अगर खुशखबरी हो तो खुशी के ऑंसू छलक आते हैं। पिता या भाई की चिठ्ठी हो, तो आदर और सम्मान का भाव दिल में भर जाता है, मॉं या बहन की हो, तो एक अलग ही प्‍यार दिल को छू जाता है। पति या पत्नी की चिठ्ठी हो तो छिप कर बार-बार पढ़ने का मन करता है, दोस्‍त की हो, तो लोग दिल खोल कर पढ़ते हैं...  

9 अक्‍टूबर यानी कल विश्‍व डाक दिवस है और डाक दिवस पर चिठ्ठी के साथ-साथ डाक की अन्‍य सेवाओं पर बात करना तो बनता है। और इसीलिए हम प्रस्‍तुत कर रहे हैं डाक से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्‍य, जो शायद आप नहीं जानते हैं।  

डाक से जुड़े रोचक तथ्‍य 

हर साल 9 अक्‍टूबर को दुनिया के 150 से अधिक देश विश्‍व डाक दिवस मनाते हैं। 

चिठ्ठी पहुंचाने की सुविधा देने वाले पहली डाक सेवा यूनियन पोस्‍टल सर्विस की शुरुआत 9 अक्‍टूबर 1874 को स्विट्जरलैंड में हुई थी। 1969 में टोक्यो में आयोजित यूपीयू कांग्रेस में 9 अक्‍टूबर को विश्‍व डाक दिवस घोषित किया गया।   

 कोविड-19 महामारी के दौरान डाक के जरिए सामान भ‍िजवाने की प्रक्रिया में भारी गिरावट दर्ज हुई। पूरी दुनिया में करीब 21 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई।  

पहला डाक दस्तावेज 255 ईसा पूर्व का मिस्र में पाया गया था। हालांकि डाक सेवा की शुरुआत लगभग हर महाद्वीप में उससे पहले ही हो चुकी थी।  
 
पेन्नी ब्लैक पहला एड्हेसिव स्‍टैम्‍प था, जिसे ग्रेट ब्रिटेन में 1 मई 1840 को जारी किया गया था। 6 मई के बाद व मान्‍य हुआ था।  

पूरी दुनिया में डाक नेटवर्क फैला है, जिसके करीब 650,000 ऑफिस हैं और करीब 5.3 मिलियन लोग उसमें काम करते हैं।  
 
भारत में 1541 में शेर शाह ने घोड़ा डाक की शुरुआत की थी, जिसका दायरा करीब 2000 मील यानी बंगाल से सिंध तक था। 
 
1672 में मैसूर महाराजा चिक्‍का देवराया वाडियार ने मैसूर अंचे की स्‍थापना की।   

1766 में रॉबर्ड क्लाइव ने भारत में नियमित डाक सेवा की शुरुआत की।  

1774 में वॉरन हेस्टिंग्‍स ने डाक घरों की स्‍थापना की शुरुआत की। 

31 मार्च 1774 को भारत का पहला जनरल पोस्‍ट ऑफिस (जीपीओ) कलकत्ता में खुला।   

1 जून 1786 को दूसरा जीपीओ मद्रास में खुला और 1794 में तीसरा जीपीओ मुंबई में खोला गया।    

1850 में पोस्‍ट ऑफिस कमीशन की स्‍थापना की गई।  
  
1854 में पोस्‍ट ऑफिस कानून XVII लागू हुआ।  
 
1860 में पहला पोस्‍टल मैनुअल प्रकाशित किया गया।  
 
1873 में पहला एम्‍बॉस्‍ड इन्‍वेलप शुरू हुए।  
 
1876 में भारत यूनिवर्सल पोस्‍टल यूनियन में शामिल हुआ।  
 
1879-1880 में पोस्‍टकार्ड आये, रेलवे डाक सेवा, मनी ऑर्डर, आदि की शुरुआत हुई। 

1882 में पहली बार पोस्‍ट ऑफिस में बचत खाता की सुविधा उपलब्‍ध करायी गई।  
 
1884 में पोस्‍ट लाइफ इंश्‍योरेंस की सेवा शुरू हुई।  
 
1886 में एक आना का रेवेन्‍यू स्‍टैम्‍प आया।  
 
1935 में पोस्‍टल ऑर्डर आया। 
 
1947 में भारत की स्‍वतंत्रता पर तीन डाक टिकट जारी किए गए।  
   
1 अगस्त 1986 को भारत में स्पीड पोस्‍ट की शुरआत हुई।

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