यह समिति मौजूदा टेलीविजन रेटिंग दिशानिर्देशों की पुनः समीक्षा करेगी ताकि उन्हें अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाया जा सके.
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने भारत में टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए लागू दिशानिर्देशों की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया है. इस समिति की अध्यक्षता प्रसार भारती के CEO शशि शेखर वेम्पती करेंगे.
यह समिति मौजूदा टेलीविजन रेटिंग दिशानिर्देशों की पुनः समीक्षा करेगी ताकि उन्हें अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाया जा सके.
शशि थरूर के नेतृत्व में, सूचना प्रौद्योगिकी के संसदीय पैनल ने पिछले महीने सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की थी कि, टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP) के माध्यम से दर्शकों के अनुमानों को मापने की वर्तमान प्रणाली त्रुटिपूर्ण है और इसकी तकनीक अब पुरानी हो चुकी है.
समिति की संरचना
अध्यक्ष - शशि शेखर वेम्पति, CEO, प्रसार भारती
समिति के सदस्य
डॉ. शलभ, IIT, कानपुर में गणित और सांख्यिकी विभाग में सांख्यिकी प्रोफेसर.
डॉ. राजकुमार उपाध्याय, C-DOT के कार्यकारी निदेशक
पुलक घोष, सार्वजनिक नीति के लिए डिसीजन साइंस सेंटर के प्रोफेसर.
इसके अलावा, यह समिति किसी विशेषज्ञ को भी एक विशेष आमंत्रित व्यक्ति के तौर पर आमंत्रित कर सकती है.
हमें समिति की आवश्यकता क्यों है?
सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने एक आदेश में यह कहा है कि, भारत में टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के मौजूदा दिशानिर्देशों को टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स पर मंत्रालय द्वारा गठित संसदीय समिति और संसदीय समिति द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श के बाद और टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण से प्राप्त सिफारिशों के बाद अधिसूचित किया गया था.
हालांकि, वर्तमान में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की हालिया सिफारिशों, तकनीकी प्रगति और इस व्यवस्था को संचालित करने के लिए हस्तक्षेप को ध्यान में रखते हुए, इन दिशानिर्देशों पर नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है.
मुख्य विवरण
यह नई गठित समिति मौजूदा दिशानिर्देश प्रणाली का मूल्यांकन करेगी और TRAI की समय-समय पर अधिसूचित सिफारिशों की जांच करेगी.
हितधारकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, यह समिति मौजूदा दिशानिर्देशों में, यदि आवश्यक हो, सभी जरुरी परिवर्तनों के माध्यम से, एक विश्वसनीय, मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह रेटिंग प्रणाली के लिए सिफारिशें करने के साथ, समग्र उद्योग परिदृश्य की पुनः समीक्षा करेगी.
इस समिति को अगले दो महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार को सौंपनी होगी.
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