इस उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने यह कहा कि, यह ITAT कटक पीठ न केवल ओडिशा के नागरिकों को, बल्कि पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के अन्य हिस्सों को भी आधुनिक कर सेवाएं (टैक्स सर्विसेज) प्रदान करने में सक्षम होगी.
प्रधान मंत्री मोदी ने 11 नवंबर, 2020 को ओडिशा के कटक में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण - ITAT के अत्याधुनिक कार्यालय-सह-आवासीय परिसर का उद्घाटन किया.
यह उद्घाटन समारोह, जो आभासी तौर पर आयोजित किया गया था, इस समारोह में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और रवि शंकर प्रसाद, ITAT अध्यक्ष, जस्टिस पीपी भट्ट, ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष, पीसी मोदी और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए.
मीडिया को जानकारी देते हुए, जस्टिस पीपी भट्ट ने यह बताया कि, कटक का ITAT वर्ष 1970 से किराए के परिसर में काम कर रहा है, जिसे अबतक लगभग 50 साल हो चुके हैं, और ओडिशा राज्य से आने वाली अपीलों के लिए यह प्रमुख क्षेत्राधिकार है. इसका क्षेत्राधिकार पूरे ओडिशा तक फैला हुआ है.
महत्व
यह ITAT परिसर जरूरतमंदों को न्याय दिलाने में ITAT कटक पीठ की मदद करेगा.
इस नए परिसर में बहुत अच्छी कनेक्टिविटी सुविधा के साथ ई-कोर्ट सुविधा भी प्रदान की जाएगी. ITAT कटक पीठ उन अपीलों को भी सुनने और निपटाने में सक्षम होगी जो कोलकाता ज़ोन की अन्य पीठों (बेंचों) के पास लंबित हैं जो इन दिनों पटना, रांची और गुवाहाटी की बेंचों की तरह ही गैर-कार्यात्मक हैं.
नए ITAT परिसर का विवरण
यह नव निर्मित परिसर 1.60 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है जिसे वर्ष 2015 में ओडिशा सरकार द्वारा निशुल्क आवंटित किया गया था.
इस परिसर का कुल निर्मित क्षेत्र 1,938 वर्ग मीटर है.
इसका नया ई-फाइलिंग पोर्टल भी तैयार हो गया है जो मुकदमा करने वाले विभिन्न पक्षों द्वारा दस्तावेजों, अपीलों और अन्य आवेदनों के लिए ई-फाइलिंग की सुविधा प्रदान करता है.
पारंपरिक सूचना बोर्डों को डिजिटल स्क्रीन द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है जो कारण सूची, विभिन्न बेंचों का गठन और अन्य जानकारी प्रदर्शित करेगे.
इस नए परिसर में ई-ऑफिस कार्यस्थल समाधान भी संचालित किये गये हैं.
कोविड -19 के दौरान ITAT का प्रदर्शन
कोविड -19 महामारी के दौरान, ITAT ने पूरे भारत में सभी बेंचों में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की है.
इस महामारी के कारण लॉकडाउन की अवधि के दौरान, आभासी सुनवाई करने की सुविधाओं का उपयोग यहां प्रभावी ढंग से किया गया है.
इस समयावधि के दौरान, ITAT ने दायर किए गए 7,251 मामलों में 3,778 मामलों का निपटारा किया.
नागरिकों को न्याय सुलभ कराने के लिए ITAT आधुनिक तकनीक का व्यापक उपयोग भी कर रहा है.
इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के बारे में
यह एक अर्ध-न्यायिक संस्था है जिसे वर्ष 1941 में स्थापित किया गया था. ITAT प्रत्यक्ष कर अधिनियमों के तहत अपील से निपटने में माहिर है.
ITAT की शुरुआत वर्ष 1941 में कुल छह सदस्यों के साथ हुई थी और इसने कोलकाता, दिल्ली और मुंबई में तीन बेंचों का गठन किया था. धीरे-धीरे इन बेंचों की संख्या बढ़ी और वर्तमान में उच्च न्यायालय में सीट के साथ विभिन्न 27 स्थानों पर 63 बेंच हैं जो देश के सभी शहरों के लिए काम करती हैं.
0 comments:
Post a Comment