प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के विशिष्ट संबंध न सिर्फ दोनों राष्ट्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि विश्व के लिए बेहतरीन उदाहरण है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-भूटान रुपे कार्ड (RuPay Card) के दूसरे चरण की 20 नवंबर 2020 को शुरुआत की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी भारतीयों की तरह मेरे मन में भी भूटान के लिए विशेष प्यार और मित्रता है. जब भी आपसे मिलता हूं तो एक खास अपनेपन की अनुभूति होती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम रुपे कार्ड का दूसरा चरण शुरू कर रहे हैं. भूटान नेशनल बैंक द्वारा जारी रुपे कार्ड से भारत में एटीएम से एक लाख रुपये और प्वाइंट सेल टर्मिनल्स पर 20 लाख रुपये तक का लेनदेन कर सकेंगे. यह भारत में आने वाले भूटानी पर्यटकों के लिए पर्यटन, शॉपिंग और अन्य लेनदेन हो सकेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के विशिष्ट संबंध न सिर्फ दोनों राष्ट्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि विश्व के लिए बेहतरीन उदाहरण है. हमने अपने सहयोग में डिजिटल और उभरती हुई तकनीक के क्षेत्र में पहल की थी. मेरी भूटान यात्रा के दौरान रुपे कार्ड के पहले चरण की शुरुआत की गई थी. इससे भारतीय बैंकों द्वारा जारी कार्ड से भारतीयों को भूटान में भुगतान की सुविधा मिली थी.
पहले चरण के रुपे कार्ड का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले साल 2019 में भूटान यात्रा के दौरान पहले चरण के रुपे कार्ड का शुभारंभ किया था. पहले चरण के तहत भारत के नागरिक भूटान के एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल मशीन (PoS) पर लेनदेन के लिए सक्षम हुए थे.
विदेश मंत्रालय ने इस संदर्भ में एक बयान में कहा कि पहले चरण में भारत के नागरिक पूरे भूटान में रुपे कार्ड का इस्तेमाल एटीएम नेटवर्क के उपयोग के लिए कर सकते थे, जबकि दूसरे चरण में भूटानी नागरिक भारत में रुपे कार्ड का इस्तेमाल कर एटीएम नेटवर्क के उपयोग कर सकेंगे.
रुपे कार्ड क्या है?
रुपे कार्ड एक घरेलू प्लास्टिक कार्ड है, जिसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने लॉन्च किया था. इसका उद्देश्य पेमेंट सिस्टम का एकीकरण करना है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे बड़े बैंक से लेकर देश के सभी प्रमुख बैंकों ने रुपे डेबिट कार्ड जारी किए हैं. संयुक्त अरब अमीरात पश्चिम एशिया का पहला देश बना था, जिसने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की भारतीय प्रणाली को अपनाया था.
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