प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20वें SCO शिखर सम्मेलन के दौरान यह कहा कि, भारत का यह मानना है कि, कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 नवंबर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन के प्रमुखों के 20वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा कि, भारत के शंघाई सहयोग संगठन के देशों के साथ मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस संबोधन में आगे यह भी कहा कि, भारत का यह मानना है कि, कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें.
प्रधान मंत्री ने SCO समूह में द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान द्वारा किये गये प्रयास पर चर्चा करते हुए आगे यह कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि SCO एजेंडे में द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के लिए अनावश्यक प्रयास किये जा रहे हैं, जोकि SCO चार्टर और शंघाई भावना का उल्लंघन है.
मौजूदा SCO शिखर सम्मेलन में सभी 8 SCO सदस्य देशों - रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के प्रमुखों ने भाग लिया है. 04 पर्यवेक्षक राज्यों - ईरान, अफगानिस्तान, मंगोलिया और बेलारूस के प्रमुख भी इस SCO शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. सदस्य देशों के सभी नेता इस शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
मुख्य विशेषताएं
यह पहला शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन है जो आभासी प्रारूप में आयोजित हो रहा है और ऐसी तीसरी बैठक है जिसमें भारत SCO के पूर्ण सदस्य के तौर पर भाग ले रहा है.
भारत वर्ष, 2017 में शंघाई सहयोग संगठन का पूर्ण सदस्य बन गया था. इससे पहले, भारत को वर्ष 2005 से एक पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त था.
भारत ने पिछले तीन वर्षों में SCO ढांचे के तहत विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक संपर्क और कार्यशीलता को बनाए रखा है.
SCO शिखर सम्मेलन के सदस्य राज्यों के प्रमुखों का उद्देश्य अगले वर्ष के लिए इस संगठन का एजेंडा और मुख्य निर्देशों को निर्धारित करना है.
यह बैठक राजनीतिक, सुरक्षा, व्यापार, आर्थिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों सहित इस संगठन की गतिविधि के सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करेगी.
महत्व
मास्को घोषणापत्र को अपनाने के साथ ही यह SCO शिखर सम्मेलन समाप्त होने की उम्मीद है. SCO से द्वितीय विश्व युद्ध की 75 वीं वर्षगांठ, कोविड -19, डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने, इंटरनेट पर वैश्विक आतंकवाद के प्रसार का मुकाबला करने के साथ ही नशीली दवाओं के खतरों का मुकाबला करने सहित विभिन्न मुद्दों पर बयान देने की उम्मीद है.
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