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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

83 वर्षों के बाद पहली बार 12 साल की जगह 11 साल में आयोजित हो रहा है कुंभ मेला…

कुंभ मेला, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. शास्त्रों के अनुसार, पृथ्वी पर 12 स्थानों में से चार स्थान भारत में हैं, हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक. इसलिए हर 12वें वर्ष में कुंभ का आयोजन इन चार स्थानों पर किया जाता है. हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि यह 11वें वर्ष में हरिद्वार में होने जा रहा है.

2022 में लगने वाला कुंभ मेला इस साल हरिद्वार में होने वाला है क्योंकि ग्रह-गोचर चल रहे हैं. अमृत योग का निर्माण काल गणना के अनुसार होता है, जब कुंभ राशि का गुरु आर्य के सूर्य में परिवर्तित होता है. अर्थात गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसलिए इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा है.

83 वर्षों की अवधि के बाद, इस वर्ष यह अवसर आ रहा है. इससे पहले, इस तरह की सह-घटना वर्ष 1760, 1885 और 1938 में हुई थी.
इस साल कुंभ मेले की शुरुआत 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति से हो रही है. कुंभ मेला हिंदुओं के सबसे शुभ और सबसे बड़े अनुष्ठानों में से एक है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस तरह की परंपरा समुंद्र मंथन के बाद से शुरू हुई जब अमृत की बूंदें मृदुलोक सहित 12 स्थानों में बिखरी हुई थीं. कहते हैं इस अमृत कलश के लिए भगवान और दानवों के बीच रस्साकशी भी हुई थी. इस साल यह भव्य आयोजन 14 जनवरी से शुरू होने जा रहा है और अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा.

उम्मीद की जा रही है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए लाखों भक्त इकट्ठे होंगे.

गंगा स्नान का महत्व
शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति कुंभ मेले के दौरान गंगा में स्नान करता है तो उन्हें मोक्ष प्राप्त होता हैं. और कहते हैं कि सभी पाप और रोगों से मुक्ति मिल जाती है.

आपको जानकारी देना चाहेंगे कि इस साल कुंभ मेले के दौरान 4 शाही स्नान होंगे और इसमें 13 अखाड़े भाग लेंगे. इन अखाड़ों से झांकी निकाली जाएंगी. इस झांकी में सबसे आगे नागा बाबा होंगे और महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर नागा बाबाओं का अनुसरण करेंगे.

शाही स्नान व सामान्य स्नान 2021 की तिथियां इस प्रकार है-
Makar Sankranti (Snan) – January 14, 2021
Mauni Amavasya (Snan) – February 11, 2021
Basant Panchami (Snan) – February 16, 2021
Magh Poornima – February 27, 2021
Maha Shivratri (Shahi Snan)- March 11, 2021
Somvati Amamvasya (Shahi Snan) – April 12, 2021
Baisakhi (Shahi Snan) – April 14, 2021
Ram Navami (Snan) – April 21, 2021
Chaitra Purnima (Shahi Snan) – April 27, 2021
सनातन धर्म

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