प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भारत सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का तीसरा चरण 15 जनवरी 2021 को शुरू हो गया है. सरकार की कौशल प्रदान करने की इस प्रमुख योजना का तीसरा चरण देश के सभी राज्यों के 600 जिलों में शुरू होने जा रहा है. पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत योजना की 2020-21 की अवधि के दौरान आठ लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस पर 948.90 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
इस योजना की शुरुआत कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय किये है. सरकार ने पीएमकेवीवाई 1.0 और पीएमकेवीवाई 2.0 के अनुभवों के आधार पर इस बार की योजना में काफी सुधार किया है. पीएमकेवीवाई 0.3 को कोरोना महामारी के कारण बिगड़ी स्थिथि को देखते हुए बनाया गया है.
युवा कौशल विकास योजना का लाभ
यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. इसे 15 जुलाई 2015 को विश्व युवा कौशल दिवस के मौते पर लॉन्च किया गया था. अब तक लाखों युवा कौशल विकास योजना का लाभ उठा चुके हैं.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना क्या है?
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भारत सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था. योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना है जो कम पढ़े-लिखे हैं.
इस योजना में तीन महीने, छह महीने और एक साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है. कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है. यह प्रमाणपत्र पूरे देश में मान्य होता है. इस योजना में युवाओं को तकनीकि या उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है ताकि उन्हें आसानी से रोजगार मिल सके. इस योजना के तहत युवाओं को ट्रेनिंग की कोई फीस नहीं देनी पड़ती है.
इस योजना के तहत युवा इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, फिटिंग, कंस्ट्रक्शन समेत अन्य 40 तकनीकी क्षेत्रों में ट्रेनिंग ले कर अपना कौशन विकास कर सकते हैं. इससे युवाओं को रोजगार पाने में सहूलियत होती है. कौशल विकास योजना को ज्यादा से ज्यादा युवा को जोड़ने के लिए सरकार ने कई टेलिकॉम कंपनियों को इस कार्य के लिए अपने साथ जोड़ा है. मोबाइल कंपनियां मैसेज के द्वारा इस योजना को सभी लोगों तक पहुंचाने का काम करती हैं.
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