केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं. इसलिए इसके दुरुपयोग को रोकना जरूरी है.
केंद्र सरकार ने 25 फरवरी 2021 को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन्स जारी की. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनके बारे में जानकारी दी. केन्द्र सरकार ने ओटीटी और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दुरुपयोग को देखते हुए इस पर नई गाइडलाइंस जारी की है.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं. इसलिए इसके दुरुपयोग को रोकना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के लिए जो कानून बना है उसे तीन महीने में लागू कर दिया जाएगा और तीन स्तरों पर इसकी निगरानी की जाएगी.
मुख्य बिंदु
• सरकार के अनुसार, नई गाइडलाइंस के दायरे में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे- नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म आएंगे.
• नए दिशा-निर्देशों के अनुसार शिकायत के 24 घंटे के अंदर इंटरनेट मीडिया से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा.
• इसके अलावा कंपनियों को एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर को भी रखना होगा.
• सोशल मीडिया पर कोई खुराफात सबसे पहले किसने की, और कहां से इसकी शुरूआत हुई इसके बारे में सोशल मीडिया कंपनी को बताना पड़ेगा.
• नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण होगा और 15 दिनों में उसका निपटारा होगा.
• सरकार तीन महीने में डिजिटल कंटेंट को नियमित करने वाला कानून लागू करने की तैयारी में है.
• हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के पास यूजर्स वेरिफिकेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.
• नियम के पालन पर हर महीने रिपोर्ट देनी होगी. ओटीटी को नियमों का पालन करना होगा.
• प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी, वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं.
• इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा, इसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति हेड करेंगे.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के 40 करोड़ से अधिक और ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर्स हैं. भारत में इनका काफी इस्तेमाल होता है, लेकिन जो चिंताएं हैं उसे लेकर काम करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाले कंटेंट को लेकर गाइडलाइंस बनाने के लिए कहा था.
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