•हाल ही में , देश में प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन ( पीडब्लूएम ) सुनिश्चित करने और जागरूकता पैदा करने के लिए पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक कार्यक्रम में शुभंकर ' प्रकृति ' एवं शुभंकर ' प्रकृति ' को विभिन्न हरित पहलों का शुभारंभ किया है ।
✓ प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए शुरू की गई हरित पहले है।
• राष्ट्रीय डैशबोर्ड के माध्यम से एकल उपयोग प्लास्टिक ( एसयूपी ) के उन्मूलन और प्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन में प्रगति को ट्रैक फैलाने के लिए लॉन्च किया गया है कि कैसे हमारी जीवन शैली में करने के सभी हितधारकों को एक साथ लाना । छोटे बदलावों को - अपनाने से पर्यावरण नागरिकों को अपने क्षेत्र में एसयूपी की बिक्री / उपयोग / विनिर्माण की जांच करने और प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए मोबाइल ऐप
•जिला स्तर पर वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में एसयूपी उत्पादन / बिक्री और उपयोग के विवरण की सूची बनाने और एसयूपी पर प्रतिबंध को लागू महत्त्वपूर्ण भूमिका हो की स्थिरता में करने के लिए निगरानी मॉड्यूल ।
•प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल करने वाले उद्योगों को बढ़ावा देकर अपशिष्ट प्लास्टिक से ग्रैफीन के औद्योगिक उत्पादन को प्रोत्साहन ।
• विदित है कि भारत वर्ष भर में लगभग 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न कर रहा है और प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन पिछले पांच वर्षों में लगभग दोगुना हो गया है । हमारे पारितंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और वायु प्रदूषण से भी प्लास्टिक प्रदूषण जुड़ा हुआ है ।
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