हिन्दी मुहावरे ।।
० अक्ल का अंधा- मूर्ख व्यक्ति; जिसमें समझ न हो।
० अक्ल घास चरने जाना- समझ का अभाव होना।
० अक्ल का दुश्मन- मूर्ख व्यक्ति।
० अगर-मगर करना- आनाकानी या टालमटोल करना; बहाने बनाना।
० अपना उल्लू सीधा करना- अपना मतलब निकालना।
० अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना- अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
० अपने पैरों पर खड़ा होना- स्वावलंबी होना।
० आस्तीन का साँप- किसी अपने या निकट व्यक्ति द्वारा धोखा देना, कपटी मित्र।
० आसमान से बातें करना- बहुत ऊँचा होना या तेज़ गति वाला।
० आँख का तारा- बहुत प्रिय होना।
० आँखें खुलना- जागना, वास्तविकता से अवगत होना, भ्रम दूर होना, सचेत होना।
० आँखें चार होना- प्रेम होना, आमना-सामना होना।
० आँखों में धूल झोंकना- धोखा देना।
० अंगार उगलना- अत्यंत क्रुद्ध होकर अपशब्द कहना।
० अंधे की लाठी- एकमात्र सहारा।
० उखड़ी-उखड़ी बातें करना- अन्यमनस्क होना या उदासीन बातें करना।
० उन्नीस-बीस का अंतर होना- बहुत कम अंतर होना।
० उल्टी गंगा बहाना- विपरीत चलना।
० उड़ती चिड़िया के पर गिनना- रहस्य की बात दूर से जान लेना।
० इज़्ज़त ख़ाक में मिलना- परिवारिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचना।
० ईद का चाँद होना- बहुत दिनों बाद दिखाई पड़ना।
० ईंट से ईंट बजाना- पूरी तरह से नष्ट करना।
० ईंट का जबाब पत्थर से देना- ज़बरदस्त बदला लेना; करारा जवाब देना।
० हिंदी व्याकरण - मुहावरे 02
० कान भरना- किसी के ख़िलाफ़ किसी के मन में कोई बात बैठाना।
० कूच करना- जाना; प्रस्थान करना; चले जाना।
० ख़ून पसीना एक करना- कड़ी मेहनत करना।
० घोड़े बेचकर सोना- हर ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जाना; बिल्कुल निश्चिंत हो जाना; किसी प्रकार की चिन्ता न करना।
० घी के दिये जलाना- अत्यधिक प्रसन्न होना; खुशियाँ मनाना; प्रसन्नता ज़ाहिर करना।
० चार चाँद लगाना- किसी सुन्दर वस्तु को और सुन्दर बनाना; किसी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाना; किसी को ज़्यादा मान-सम्मान देना।
० चैन की सांस लेना- काम निपटाकर निश्चिन्त होना; कार्य पूर्ण होने पर शान्ति महसूस करना।
० चोली-दामन का साथ होना- गहरी मित्रता होना; अत्यधिक घनिष्ठता होना; बहुत मधुर सम्बन्ध होना।
० चिकना घड़ा होना- बेशर्म होना; किसी बात का प्रभाव न पड़ना; अपमान होने पर भी अपमानित महसूस न करना; किसी की लिहाज़ न करना।
० चुल्लू भर पानी में डूबना- लज्जित होना; अपमानित होना।
० छक्के छुड़ाना- बुरी तरह हराना; अपने से बलवान पर विजय प्राप्त करना।
० छाती पर मूँग दलना- पास रहकर कष्ट देना।
० जान में जान आना- मुसीबत से निकलने पर निश्चिंत होना।
० जले/ घाव पर नमक छिड़कना- दुःखी को और अधिक दुःखी करना; किसी का काम खराब होने पर हंसी उड़ाना।
० दाहिना हाथ होना- बहुत बड़ा सहायक होना।
० दाँत खट्टे करना- प्रतिद्वंद्विता या लड़ाई में पछाड़ना।
० दुम हिलाना- दीनतापूर्वक प्रसन्नता प्रकट करना।
० नील का टीका लगाना- कलंक लगाना, कलंकित करना।
० सिर ओखली में देना- व्यर्थ ही जान-बूझकर जोख़िम में पड़ना।
० टोपी पहनाना- बेवकूफ़ बनाना; झाँसा देना।
० हवा में गाँठ लगाना- बड़े-बड़े दावे करना; असम्भव कार्य को करने का दम भरना।
० हाथ-खड़े कर देना- असमर्थता जताना; वक्त पर मदद से इन्कार करना।
० हाथ धोना- गँवा देना।
० हाथ पाँव मारना- प्रयास करना।
० पानी देना- सींचना, तर्पण करना।
० पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर- पास में रहकर ख़तरनाक व्यक्ति से दुश्मनी रखना।
० पासा पलटना- अच्छा से बुरा या बुरा से अच्छा भाग्य होना; भाग्य का अनुकूल से प्रतिकूल या प्रतिकूल से अनुकूल होना।
० पीठ दिखाना- कायरता दिखाना, भाग जाना, विमुख होना।
० पैर पसारना- फैलाना, आराम से लेटना।
० टोपी उछालना- अपमानित करना।
० ठगा-सा रह जाना- बहुत छोटा महसूस करना, अपमानित महसूस करना।
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