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Blood Circulation ( परिसंचरण तंत्र )।।

परिसंचरण तंत्र संबंधित प्रश्नोत्तरी ।। 1. कौन सा ‘जीवन नदी’ के रूप में जाना जाता है? उत्तर: रक्त 2. रक्त परिसंचरण की खोज की गई? ...

व्याकरण अध्ययन धातुगण-३

 (Vyakaran- DhatuGana-3)

पूर्व में आपने धातुगणो का परिचय, और उनको किस प्रकार बाँटा गया है इसके बारे में पढ़ा। अब हम इन गणों के उपयोग के बारे में पढ़ेंगे।

भ्वादि:- भवति, खादति, भजति, पठति।
(इनमें धातु के बाद शप् लगता है, फिर ति-आदि प्रत्यय आते हैं। शप् में "अ" बचता है = पठ्+अ+ति। वैसे ही - भज्+अ+ति = भजति)

अदादि:- अत्ति, वक्ति, हन्ति 
(इनमें धातु के बाद "लुक्" विकरण लगता है। लुक् एक प्रकार का लोप/अदर्शन है मतलब धातु के बाद लुक्/शून्य ही लगेगा। तो कोई आधान/addition न करके सीधा प्रत्यय जोड़ना है।) 
अद्+ति = अत्ति। वच्+ति=वक्ति। हन्+ति = हन्ति।  अदादि में लुक्/अदर्शन ही विकरण है, अर्थात् धातु और प्रत्यय की बीच में शून्य/कुछ न होना।)

ऐसे सम्पूर्ण 10 गणों का उपयोग देखेंगे।
 ।।श्रीहरि: शरणम्।।

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