विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डिजीज एक्स, कहां जाकर रुकेगी अभी यह सिर्फ कल्पना है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह अस्तित्व में आती है तो यह कोरोना महामारी से कई गुना अधिक खतरनाक होगी.
अफ्रीकी वायरस इबोला का पता लगाने वाले डॉक्टर जीन जैक्स मुएंब तामफम ने यह चेतावनी जारी की है और बताया है कि अभी डिजीज एक्स (Disease X) वायरस के प्रसार होने की संभावना है. उन्होंने आशंका जताई है कि ये वायरस कोरोना से भी खतरनाक हो सकता है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के मुकाबले यह वायरस तेजी से फैलता है.
बता दें इबोला से संक्रमित 80 प्रतिशत से भी ज्यादा लोगों की जान चली जाती है. इबोला वायरस की खोज में अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर जीन जैक्स मुएंब तामफम ने इस बारे में अलर्ट किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डिजीज एक्स, कहां जाकर रुकेगी अभी यह सिर्फ कल्पना है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह अस्तित्व में आती है तो यह कोरोना महामारी से कई गुना अधिक खतरनाक होगी.
Disease X क्या है?
डिसीज X (Disease X) यानी वो बीमारी, जिसके बारे में विशेषज्ञों को भी कुछ नहीं पता. ऐसी ही एक रहस्यमयी बीमारी का मरीज कांगो में मिला है, जिसे तेज बुखार के साथ आंतरिक रक्तस्त्राव हो रहा है. डिसीज X आने वाली महामारी हो सकती है. इस गंभीर बीमारी के कोरोना वायरस की तरह ही तेजी से फैलने की आशंका है और इसकी वजह से इबोला वायरस की तरह ही काफी तादाद में लोगों की जान जा सकती है.
डिजीज एक्स के लक्षण
कांगो में एक महिला में डिजीज एक्स के लक्षण पाए गए हैं. कांगो के इगेंड में एक महिला मरीज में बुखार के लक्षण देखे गए. इसके बाद मरीज ने इबोला की जांच कराई लेकिन यह जांच निगेटिव आई. अब डॉक्टरों को इस बात का डर है कि ये महिला डिजीज एक्स की पहली मरीज है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैज्ञानिकों का कहना है कि डिजीज एक्स महामारी अभी परिकल्पना है लेकिन अगर यह फैलती है तो पूरी दुनिया में इससे तबाही मच जाएगी. डॉक्टर जीन जैक्स मुएंब तामफम की साल 1976 में इबोला वायरस का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी. इबोला वायरस का जब पहली बार पता चला था तो कांगो के यामबूकू मिशन अस्पताल में 88 प्रतिशत मरीजों और 80 प्रतिशत कर्मचारियों की मौत हो गई थी.
हर तीन से चार साल के अंतराल पर एक नया वायरस
ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार हर तीन से चार साल के अंतराल पर एक नया वायरस दुनिया में दस्तक दे रहा है. विश्वविद्यालय के प्रफेसर मार्क वूलहाउस के अनुसार ज्यादातर वायरस पशुओं से आ रहे हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर जंगली जानवरों को काटा गया तो इबोला और कोरोना वायरस जैसी महामारी को बढ़त मिलेगी.
0 comments:
Post a Comment
Thank You For messaging Us we will get you back Shortly!!!