अभियान गीत : नवीन कंठ दो कि मै नवीन गान गा सकू



नवीन कंठ दो कि में नवीन गान  गा  सकूँ

स्वतंत्र देश की नवीन आरती सजा सकू

नवीन दृष्टि का नया  विधान आज हो रहा 

नवीन आसमान में विहान आज हो  रहा

युगांत की व्यथा लिए अतीत आज सो रहा

दिगंत में बसंत का भविष्य बीज बो रहा 

प्रबुद्ध राष्ट्र की नवीन वंदना सुना सकूँ

स्वतंत्र देश की नवीन आरती सजा सकू .....!
   

सभी कुटुम्ब एक कौन पास कौन दूर है

नए  समाज का हरेक व्यक्ति एक नूर है 

भविष्य द्वार मुक्त है बढे चलो , चले चलो 

मनुष्य बन मनुष्य से गले गले मिले चलो 

नवीन भाव दो की में नवीन गान गा सकूँ

स्वतंत्र देश की नवीन आरती उतार सकू.......!

सरस्वती वंदना : अम्ब विमल मति दे ।।

सरस्वती वंदना : हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो ।।

क्यों कहते हैं मां सरस्वती को वाणी की देवी?

सरस्वती वंदना : या कुन्देन्दुतुषारहारधवला ।

तू ही राम है तू रहीम है लिरिक्स ।।

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।।

इतनी शक्ति हमें देना दाता ।। 

हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां ।।


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